जीवनी/आत्मकथा >> रानी गाइदिन्ल्यू रानी गाइदिन्ल्यूजगदम्बा मल्ल
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रानी गाइदिन्ल्यू
आम जन के बीच ‘रानी माँ’ के नाम से लोकप्रिय रानी गाइदिन्ल्यू का जन्म सन् 1915 में भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के लंग्काओ में हुआ था। गाँव में बुजुर्गों ने शिशु का नाम रखा ‘गाइदिन्ल्यू।
‘गाइ’ यानी अच्छा और ‘दिन’ का अर्थ ‘मार्ग दिखाना’। इस प्रकार गाइदिन्ल्यू अर्थात् ‘अच्छा मार्ग दिखाने वाली’।
अपने बचपन से ही गाइदिन्लयू स्वतंत्र चिंतन वाली तथा अंतर्मुखी प्रवृत्ति की थीं। अपने धर्म, संस्कृति एवं परंपराओं में अटूट आस्था रखती थीं। इन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई। पंद्रह वर्ष जेल में रहीं और अंतहीन यातनाएँ सहीं। राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए उन्होंने मृत्युपर्यंत अथक कार्य किया।
पं. जवाहरलाल नेहरू ने इन्हें ‘नगाओं की रानी’ कहकर संबोधित किया था। ऐसे प्रेरक व्यक्तित्व के जीवन एवं कर्म पर एक प्रामाणिक पुस्तक, जिसे पढ़कर देशवासी इस उपेक्षित और कम चर्चित किंतु उन्नत चरित्र से अवगत हो सकेंगे।
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